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खुद को बदलना होगा
हम इस समय इक्कीसवीं शताब्दी में जी रहे हैं. स्मार्ट फ़ोन्स, लैपटॉप, डिजिटल डिवाइसेज़, आदि के बीच हम दुनिया में हर क्षेत्र में उन्नति की रह पर हैं. खेल जगत, अंतरिक्ष, मिसाइलें, आदि सभी में हम किसी देश से कम नहीं हैं परन्तु इन सब के बीच हमें भी स्मार्ट बनना होगा. तेजी से चलते समय के साथ हमें भी कदम से कदम मिलकर आगे बढ़ना होगा. आज के समाज में लोगों को अन्धविश्वास में डूबते देख बहुत दुःख होता है. ऐसा लगता है की क्या इसी के साथ हम दुनिया में न. १ बनने का सपना पूरा करेंगे ? स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मेडिसन स्क्वायर में अपने भाषण में कहा था की भारत अब सांपों से खेलने वाला देश नहीं है, बल्कि ‘माउस’ से खेलने वाला देश है. स्मार्ट सिटीज, बुलेट ट्रैन सहित कई प्रोजेक्ट्स हमारे देश में चल रहे हैं परन्तु इन सब के लिए हमें पहले खुद को बदलना होगा और यदि हर एक व्यक्ति खुद को बदलने का संकल्प ले तो वो दिन दूर नहीं जब भारत एक स्मार्ट देश बनकर पूरे विश्व में अपना सर गर्व से उठा सकेगा.
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